कथा क्रम हिन्दी साहित्य की एक तिमाही पत्रिका
link to their website: http://www।kathakram.in/
कथा क्रम वास्तव में एक पढ़ने योग्य पत्रिका है। मैं कोई समीक्षक नहीं हूँ पर अगर आप हिन्दी साहित्य का असली स्वाद लेना चाहते है तो एक बार नामुनार्थ खरीद कर सकते हैं । वैसे में हिन्दी के पुराने रचनाकारों को राजकमल प्रकाशन से खरीद कर पढता रहा हूँ और मुझे नई हिन्दी कथा का अति यतार्थ वाद रास नहीं आता । पुराने समय की कहानी और उपन्यास पढने में कितने रोचक होते थे।
वो रोचकता मुझे नये लेखको की रचनाओ में नहीं लगती। शायद , हिन्दी का लोकप्रिय रूप अब केवल हिन्दी सिनेमा तक सीमित हो गया है। हिन्दी की अधिकतर पत्रिकाएँ बंद हो चुकी हैं। हिन्दी के रचियता अपने पाठक को बाँध कर नहीं रख सके। या वो बहुत आदर्शवादी हो गये। पाठक रोचक एवम मनोरंजक कहानी चाहता है ना की
आप का ज्ञान।
खैर, जाने दीजिये। इस पत्रिका में भी आप को कई बोझिल आलेख और कहानियाँ मिलेंगी पर कुछ ना से कुछ भला। और आप को वर्तमान के हिन्दी साहित्य के स्वरूप का भी पता लगा रहेगा।
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