शब्दों के बदलते अर्थ
ताऊ:
अगर आप आज किसी को ताऊ कह कर बुलावे तो इस मे कोई आश्चर्य नहीं होगा की वह व्यक्ति बुरा मान जाए किसी वक्त यह शब्द सम्मान को प्रकट करता था। ताऊ का मतलब आप के पिता के बड़े भाई से होता है जो की एक सम्माननीय रिश्ता है।
लेकिन आज समय की दिशाहीन गति में शब्दों के अर्थ बदल चुके हैं । आप ने " अरे हट जा पाछे, ताऊ " गीत जरूर सुना होगा जोकि आज के ' पापुलर कल्चर ' की देन है। मैं गाने को दोष नहीं देता पर इस के बाद जो व्यंगातामकता उभरी वह आज आप सड़क चलते महसूस कर सकते हैं। ऐसी बात नहीं की मैं ख़ुद इस गाने का आनंद नहीं उठाता पर इस की पापुलरिटी से उपजी अभद्रता से परहेज करना चाहूँगा। यह गीत वृद्द जानो के उपहास उडाने का माध्यम बन चुका है। मैंने ख़ुद ऐसा होते देखा है। चाहे वो मेरा छोटा सा क़स्बा हो या दिल्ली - गुडगावं।
पप्पू :
पप्पू भी एक ऐसा ही दूसरा शब्द है जो अपना मायने खो चुका है। आपने "जाने तू या जाने ना '' फ़िल्म का गाना 'पप्पू कांट डांस साला ' तो सुना ही होगा । और इस वार के इलेक्सन में दिल्ली के अखबारों और ऑफ ऍम पर आपने दिल्ली सरकार के प्रचार तो देखे-सुने होंगे । सब पप्पू को बेबकूफ करार देते हैं क्योंकि वो वोट नहीं करता।
क्या पप्पू पहले एक प्यारे से बालक को नहीं कहते थे ? पप्पू पहले एक इन्नोसेंट व्यक्ति का परिचायक था। आज इन्नोसेंस का मतलब बेबकूफ हो गया है। तो आप इन शब्दों के बदलते मीनिग से समाज की बदलती मान्यताओं और कठोरता का अंदाजा लगा सकते हैं।
साले :
साले जो की एक रिश्ते का नाम था और एक गाली भी । जिसे सुनकर लोग लड़ने को तैयार हो जाते थे आज एक समोबोधन बन चुका है। आप यह शब्द लड़कियों के मुह से सुन सकते हैं। क्या आप इस बात से सहमत नहीं हैं?
बहिन चोदः
बहिन चोद भी एक बुरी गाली हुआ करती थी । आज यह शब्द हमारे युवा वर्ग की पसंदीदा गाली कम सुम्बोधन बन चुका है । अगर आप इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो आप के पास एक 'अग्रेस्सिव अत्तितिउद ' है । आप समाज से अलग है और आप को सामाज के तौर तरीको से अलगाब है।
वाह, री दुनिया!
क्या आपने MTV Rodies देखा है तो आप ने यह सब बदलाव देखा और सुना होगा। मेरी तो फट गई ! साला , बहिन चोद , और इंग्लिश का favorite शब्द Fuck! आज खुले आम टीवी पर दर्शको को दिखाए जाते हैं।
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